जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा लिरिक्स, Hans Jab Jab Uda Lyrics
भजन गायक- सुरेश अवस्थी जी
भजन- जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा ||
जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा,
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा ||
जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा,
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा ||
काल से बच ना पाएगा छोटा बड़ा,
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा ||
ठाट सारे पड़े के पड़े रह गये,
सारे धनवा गढ़े के गढ़े रह गये |
अन्त मे लखपति को ना ढेला मिला,
हन्स जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा ||
बेबसो को सताने से क्या फायदा,
झूठ अपजस कमाने से क्या फायदा |
दिल किसी का दुखाने से क्या फायदा,
नीम के सथ जेसे करेला जुड़ा ||
हन्स जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा।।
राज राजे रहे, ना वो रानी रही,
ना बुढ़ापा रहा, ना जवानी रही |
ये तो कहने को केवल कहानी रही,
चार दिन का जगत मे झमेला रहा ||
हन्स जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा।।
जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा,
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा ||
जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा,
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा ||
काल से बच ना पाएगा छोटा बड़ा,
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा ||