आरती पवन दुलारे की भक्त भय तारणहारे की लिरिक्स – Aarti Pawan Dulare Ki Lyrics

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आरती पवन दुलारे की भक्त भय तारणहारे की लिरिक्स, Aarti Pawan Dulare Ki Lyrics In Hindi

Aarti Pawan Dulare Ki Lyrics

Aarti Pawan Dulare Ki Lyrics, आरती पवन दुलारे की भक्त भय तारणहारे की लिरिक्स

यहाँ – Aarti Pawan Dulare Ki Lyrics, आरती पवन दुलारे की भक्त भय तारणहारे की लिरिक्स दिया गया है-

|| आरती तर्ज – आरती कुञ्ज बिहारी की ||

आरती पवन दुलारे की,
भक्त भय तारणहारे की ||

दोऊ कर चरण शीश नाऊँ,
दास प्रभु तुम्हरो कहलाऊँ,
जो आज्ञा तुम्हरी मैं पाऊँ,
प्रेम से राम चरित गाऊँ |
पार मेरा बेड़ा कर दीजो,
शीश चरणों में रख लीजो |
श्रष्टि सब करण,
जाऊं बलि चरण,
लाज रख लीजो भक्तन की,
आरती पवन दुलारें की,
भक्त भय तारणहारे की ||

शीश पर राम तिलक सोहे,
मुकुट मणि मानक मन मोहे,
शब्द मुख राम नाम सोहे,
जिसे सुन सकल विश्व मोहे |
तेल सिंदूर बदन लागा,
नाम सुन काल दूर भागा |
देह विकराल, गले बिच माल,
पवन सम भयंकर,
हे मतवारे की,
आरती पवन दुलारें की,
भक्त भय तारणहारे की ||

समुद्र को कूद गए क्षण में,
जा पहुंचे अशोक उपवन में,
माताजी कर रही सोच मन में,
मुद्रिका डाल दई पल में |
उजाड़ा बाग़, लगा दी आग,
दुष्ट गए भाग |
क्षार कर दिनी लंकन की,
आरती पवन दुलारें की,
भक्त भय तारणहारे की ||

लंका को जला चले आए,
खबर सीता माँ की ले आए,
राम जी के ह्रदय अति भाए,
माँ अंजनी सुत तुम कहलाए |
हरि गुण कहाँ तलक गाऊं,
पार वेदों में नहीं पाऊं,
धरे जो ध्यान, मिले भगवान,
सिद्ध होय सब काम |
दीजिए भक्ति चरणन की,
आरती पवन दुलारें की,
भक्त भय तारणहारे की ||

बाण जब लक्ष्मण को लागा,
अगन सम आप तुरत भागा,
बड़े बलवीर चले आगे,
निशाचर बहुत मिले आगे |
उठा पर्वत को चल दिना,
के बूटी लक्ष्मण मुख दिना,
राम पद रज मस्तक लीना,
सकल कपीश प्राण लीना |
बड़े दातार, जगत उद्धार,
भजे संसार,
भक्त को भोग दिवईया की,
आरती पवन दुलारें की,
भक्त भय तारणहारे की ||

चोला लाल लाल राजे,
मुष्टिका गदा हाथ साजे,
की कर में पर्वत छवि राजे,
राम जी को धर काँधे लाए,
कोपीन पर कटी अंग सोहे,
देख श्री जगन्नाथ मोहे |
रखो प्रभु लाज, गरीब निवाज,
करो सिद्ध काज,
काढ़ दो फांसी भक्तन की,
आरती पवन दुलारें की,
भक्त भय तारणहारे की ||

आरती पवन दुलारे की,
भक्त भय तारणहारे की ||


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