Bhaye Pragat Kripala Lyrics In Hindi, भए प्रगट कृपाला दीनदयाला लिरिक्स
श्री रामचरितमानस का यह छंद उस समय का है जब भगवान् श्री राम का अवतार माता कौशल्या के पुत्र रूप में होता है, किस प्रकार प्रभु ने लीला किया है, किस प्रकार शिशु रूप में अवतरित हुए हैं, यह छंद आपको बताता है, गोस्वामी तुलसी दास जी द्वारा रचित यह छंद वास्तव में अद्भुत और अनंत सुखदायक है |
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,
कौशल्या हितकारी,
हर्षित महतारी मुनिमन हारी,
अद्भुत रूप बिचारी ||
लोचन-अभिरामा तनु-घनस्यामा,
निज आयुध भुजचारी,
भूषन बनमाला नयन विशाला,
शोभा सिंधु खरारी ||
कर दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी,
केहि बिधि करूं अनंता,
माया गुन ग्याना तीत अमाना,
वेद पुरान भनंता ||
करुणा सुख सागर सब गुन आगर,
जेहि गावहिं श्रुति संता,
सो ममहित लागी जन अनुरागी,
भयउ प्रगट श्रीकंता ||
ब्रह्मांड निकाया निर्मित माया,
रोम रोम प्रति बेद कहे,
मम उर सो बासी यह उपहासी,
सुनत धीर मति थिर न रहै ||
उपजा जब ज्ञाना प्रभु मुसकाना,
चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै,
कहि कथा सुहाई मातु बुझाई,
जेहि प्रकार सुत प्रेम लहे ||
माता पुनि बोली सो मति डोली,
तजहु तात यह रूपा,
कीजै शिशुलीला अति प्रियसीला,
यह सुख परम अनूपा ||
सुनि बचन सुजाना रोदन ठाना,
होई बालक सुरभूपा,
यह चरित जे गावहि हरिपद पावहि,
ते न परहिं भवकूपा।।
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,
कौशल्या हितकारी,
हर्षित महतारी मुनिमन हारी,
अद्भुत रूप बिचारी ||