Dhoop Aarti Lyrics – साईबाबा धूप आरती | धूप आरती लिरिक्स

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Dhoop Aarti Lyrics | साईबाबा धूप आरती | Sai Baba Dhoop Aarti lyrics

Dhoop Aarti Lyrics

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आरती साईबाबा | सौख्यदातार जीवा |
चरणरजातली | द्यावा दासा विसावा, भक्ता विसावा ||
जाळुनियां अनंग | स्वस्वरूपी राहेदंग |
मुमुक्षूजनां दावी | निज डोळा श्रीरंग ||

जयामनी जैसा भाव | तया तैसा अनुभव |
दाविसी दयाघना | ऐसी तुझीही माव ||
तुमचे नाम ध्याता | हरे संस्कृती व्यथा |
अगाध तव करणी | मार्ग दाविसी अनाथा ||

कलियुगी अवतार | सगुण परब्रह्मः साचार |
अवतीर्ण झालासे | स्वामी दत्त दिगंबर ||
आठा दिवसा गुरुवारी । भक्त करिती वारी |
प्रभुपद पहावया | भवभय निवारी ||

माझा निजद्रव्यठेवा | तव चरणरज सेवा ||
मागणे हेचि आता | तुम्हा देवाधिदेवा ||
इच्छित दिन चातक | निर्मल तोय निजसुख |
पाजावे माधवा या | सांभाळ आपुली भाक ||

आरती साईबाबा | सौख्यदातार जीवा |
चरणरजातली | द्यावा दासा विसावा, भक्ता विसावा ||
आरती साईबाबा ||

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शिर्डी माझे पंढरपुर – Abhang | Shirdi Majhe Pandharpur Lyrics in hindi/Marathi

शिर्डी माझे पंढरपुर |
साईबाबा रमावर ||
शुद्ध भक्ती चंद्रभागा |
भाव पुंडलिक जागा ||
या हो या हो अवघे जन |
करा बाबांसी वंदन ||
गणु म्हणे बाबा साई |
धाव पाव माझे आई ||

घालीन लोटांगण – Naman | Ghalin Lotangan Lyrics in hindi/Marathi

घालीन लोटांगण, वंदीनचरण |
डोळ्यांनीपाहीनरुपतुझें |
प्रेमेंआलिंगन, आनंदेपूजिन |
भावेंओवाळीन म्हणेनामा ||

त्वमेवमाताचपितात्वमेव |
त्वमेवबंधुक्ष्च सखात्वमेव |
त्वमेवविध्याद्रविणं त्वमेव |
त्वमेवसर्वंममदेवदेव ||

कायेनवाचामनसेंद्रीयेव्रा, बुद्धयात्मनावाप्रकृतिस्वभावात |
करोमियध्य्तसकलंपरस्मे, नारायणायेति समर्पयामि ||
अच्युतंकेशवं रामनारायणं कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम |
श्रीधरं माधवंगोपिकावल्लभं, जानकीनायकं रामचंद्रभजे ||
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नमस्कारान | Sainath Namasmarana Lyrics

हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे |
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे ||

हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे |
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे ||

हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे |
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे ||

साईं बाबा नमस्काराष्ट्कम | Sai Baba Namaskarashtak Lyrics

अनंता तुला ते कसे रे स्तवावे | अनंता तुला ते कसे रे नमावे ||
अनंत मुखांचा शिणे शेष गाथा | नमस्कार साष्टांग श्रीसाईनाथा || 1 ||
स्मरावे मनी त्वत्पदा नित्य भावे | उरावे तरी भक्तिसाठी स्वभावे ||
तरावे जगा तारुनी मायताता | नमस्कार साष्टांग श्री साईनाथा || 2 ||

वसे जो सदा दावया संत लीला | दिसे अज्ञ लोकापरी जो जनाला ||
परी अंतरि ज्ञान कैवल्यदाता | नमस्कार साष्टांग श्री साईनाथा || 3 ||
बरा लाधला जन्म हां मानवाचा | नरा सार्थका साधनीभुत साचा ||
धरु साईप्रेमा गळाया अहंता | नमस्कार साष्टांग श्री साईनाथा || 4 ||

धरावे करी सान अल्पज्ञ बाला | करावे आम्हा धन्य चुंबोनि घाला ||
मुखी घाल प्रेमे खरा ग्रास आता | नमस्कार साष्टांग श्री साईनाथा || 5 ||
सुरादिक ज्यांच्या पदा वंदिताति | सुरादिक ज्यांचे समानत्व देती ||
प्रयगादि तीर्थेपदि नम्र होता | नमस्कार साष्टांग श्री साईनाथा || 6 ||

तुझ्या ज्या पदा पाहता गोपबाली । सदा रंगली चित्स्वरुपि मिळाली ||
करी रासक्रीड़ा सवे कृष्णनाथा । नमस्कार साष्टांग श्री साईनाथा || 7 ||
तुला मागतो मागणे एक द्यावे । करा जोडितो दिन अत्यंत भावे ||
भवि मोहनीराज हा तारी आता । नमस्कार साष्टांग श्री साईनाथा || 8 ||
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प्रार्थना – Sai Baba Prarthna Lyrics – Aisa Yei Ba Lyrics

ऐसा येई बा | साई दिगंबरा | अक्षयरूप अवतारा | सर्वही व्यापक तू |
श्रुतिसारा | अनुसया त्रिकुमारा | बाबा येई बा || ध्रु ||

काशी स्नान जप, प्रतिदिवशी | कोल्हापुर भिक्षेसि | निर्मल नदी तुंगा,
जल प्राशी | निद्रा माहुर देशी || ऐसा येईबा || 1 ||

झोळी लोंबतसे वाम करी | त्रिशुल डमरू धारी | भक्ता वरद सदा सुखकारी |
देशील मुक्ति चारि || ऐसा येईबा || 2 ||

पायी पादुका | जपमाला कमंडलू मृगछाला | धारण करिशि बा |
नागजटा मुगट शोभतो माथा || ऐसा येईबा || 3 ||

तत्पर तुझ्या या जे ध्यानी | अक्षय त्यांचे सदानि | लक्ष्मी वास करी दिनरजनी |
रक्षिसि संकट वारुनि || ऐसा येईबा || 4 ||

या परीध्यान तुझे गुरुराया | दृश्य करी नयना या | पूर्णा नंद सूखे ही काया |
लाविसि हरीगुण गाया || ऐसा येईबा || 5 ||

श्री साईनाथ महिम्न स्त्रोत्रम | Shri Sainath Mahima stotram Lyrics

सदा सत्स्वरूपं चिदानंदकंदं, जगत्समभवस्थानसंहारहेतुम |
स्वभक्तेछयामानुशं दर्शयन्तः, नमामीश्र्वरं सदगुरुसाईनाथं || 1 ||

भवध्वांतविध्वंसमर्तांडमिड्य, मनोवागतीतं मुनीर्ध्यानग्म्यम् |
जगदव्यापकं निर्मलं निर्गुणं त्वा, नमामीश्र्वरं सदगुरुसाईनाथं || 2 ||

भवांभोधीमग्नादिर्तानां जनानां, स्वपादाश्रितानां स्वभक्तिप्रियाणाम् |
समुद्धारणार्थ कल्लो संभवंतं, नमामीश्र्वरं सदगुरुसाईनाथं || 3 ||

सदा निंबवृक्ष्यस मूलाधिवसात्सुधास्त्राविणं तिक्तमप्यप्रियं तम् |
तरुं कल्पवृक्षाधिकं साधयंतं, नमामीश्र्वरं सदगुरुसाईनाथं || 4 ||

सदा कल्पवृक्ष्यस तस्यधिमुले भवद्भावबुद्ध्या सपर्यादिसेवाम् |
नृणा कुर्वतां भुक्तिमुक्तिप्रदं तं, नमामीश्र्वरं सदगुरुसाईनाथं || 5 ||

अनेकाश्रुतातर्क्यलीला विलासै: समाविश्र्कृतेशानभास्वत्प्रभावं |
अहंभावहीनं प्रसन्नात्मभावं, नमामीश्र्वरं सदगुरुसाईनाथं || 6 ||

सतां:विश्रमाराममेवाभिरामं सदा सज्जनै: संस्तुतं सन्नमद्भि: |
जनामोददं भक्तभद्रप्रदं तं, नमामीश्र्वरं सदगुरुसाईनाथं || 7 ||

अजन्माद्यमेकं परं ब्रम्ह साक्षात्स्व संभवं-राममेवावतीर्णम् |
भवद्दर्शनात्स्यपुनीत: प्रभो हं, नमामीश्र्वरं सदगुरुसाईनाथं || 8 ||

श्री साईंशकृपानिधेखिलनृणां सर्वार्थसिद्धिप्रद |
युष्मत्पादरज:प्रभावमतुलं धातापि वक्ताक्षम: |
सद्भ्क्त्या शरणं कृतांजलिपुट: संप्रापितोस्मि प्रभो,
श्रीमत्साईपरेशपादकमलान्यानछरणयं मम || 9 ||

साईरूपधरराघवोत्तमं, भक्तकामविबुधद्रुमं प्रभुम |
माययोपहतचित्तशुद्धये, चिंतयाम्यहमहर्निशं मुदा || 10 ||

शरत्सुधांशुप्रतिमंप्रकाश, कृपातपात्रं तव साईनाथ |
त्वदीयपादाब्जसमाश्रितानां स्वच्छयया तापमपाकरोतु || 11 ||

उपसनादैवतसाईनाथ, स्तवैमर्यो पासनिना स्तुतस्वम |
रमेन्मनो मे तव पाद्युग्मे , भ्रुङ्गो, यथाब्जे मकरंदलुब्ध : || 12 ||

अनेकजन्मार्जितपापसंक्षयो, भवेद्भावत्पादसरोजदर्शनात |
क्षमस्व सर्वानपराधपुंजकान्प्रसीद साईश गुरो दयानिधे || 13 ||

श्री साईनाथचरणांमृतपूतचित्तास्तत्पादसेवानरता: सततं च भक्त्या |
संसारजन्यदुरितौधविनिर्गतास्ते कवैल्याधाम परमं समवाप्नुवन्ति || 14 ||

स्तोत्रमेतत्पठेद्भक्त्या यो नरस्तन्मना: सदा |
सदगुरो: साइनाथस्य कृपापात्रं भवेद ध्रुवम || 15 ||
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श्रीगुरुप्रसाद | याचना | दशक | Shri Guru Yachna Dashak Lyrics

रुसो मम प्रियांबिका, मजवरी पिताही रूसो |
रुसो मम प्रियांगना, प्रियसुतात्मजाही रूसो ||
रूसो भगिनी बंधुही, श्र्वशूर सासुबाई रूसो |
न दत्तगुरू साई मा, मजवरी कधीही रूसो || 1 ||

पुसो न सुनबाई त्या, मज न भ्रातृजाया पुसो |
पुसो न प्रिय सोयरे, प्रिय सगे न ज्ञाती पुसो ||
पुसो सुहृद ना सखा, स्वजन नाप्तबंधू पुसो |
परी न गुरू साई मा मजवरी, कधीही रूसो || 2 ||

पुसो न अबला मुलें, तरूण वृदही ना पुसो |
पुसो न गुरू धाकुटे, मज न थोर साने पुसो ||
पुसो नच भलेबुरे, सुजन साधुही ना पुसो |
परी न गुरू साई मा, मजवरी कधीहीं रूसो || 3 ||

रूसो चतूर तत्ववित, विबुध प्राज्ञ ज्ञानी रुसो |
रूसोहि विदुषी स्त्रिया, कुशल पंडिताही रूसो ||
रूसो महिपती यती, भजक तापसीही रूसो |
न दतगुरू साई मा, मजवरी कधीहीं रूसो || 4 ||

रूसो कवी ऋषी मुनी, अनघ सिद्ध योगी रूसो |
रूसो हि गृहदेवता, नि कुलग्रामदेवी रूसो ||
रूसो खल पिशाच्चही, मलिन डाकिनीही रूसो |
न दत्तगुरू साई मा, मजवरी कधीहीं रूसो || 5 ||

रूसो मृग खग कृमी, अखिल जीवजंतु रूसो |
रूसो विटप प्रस्तरा, अचल आपगाब्धी रूसो ||
रूसो ख पवनाग्नि वार, अवनि पंचतत्वे रूसो |
न दत्तगुरू साई मा, मजवरी कधीही रूसो || 6 ||

रूसो विमल किन्नरा, अमल यशिणीही रूसो |
रूसो शशि खगादिही, गगनिं तारकाही रूसो ||
रूसो अमरराजही, अदय धर्मराजा रूसो |
न दत्तगुरू साइ मा, मजवरी कधीही रूसो || 7 ||

रूसो मन सरस्वती, चपलचित्त तेंही रूसो |
रूसो वपु दिशाखिला, कठिण काल तोही रूसो ||
रूसो सकल विश्वही, मयि तु ब्रह्मगोलं रूसो |
न दतगुरू साइ मा, मजवरी कधींही रूसो || 8 ||

विमूढ म्हणूनी हसो, मज न मत्सराही डसो |
पदाभिरूचि उल्हासो, जननकर्दमी ना फसो ||
न दुर्ग धृतिचा धसो, अशिवभाव मागें खसो |
प्रपंचि मन हें रूसो,दृढ विरक्ति चित्ती ठसो || 9 ||

कुणाचिही घृणा नसो, न च स्पृहा कशाची असो |
सदैव हदयीं वसो, मनसि ध्यानिं साई वसो ||
पदी प्रणय वोरसो, निखिल दृश्य बाबा दिसो |
न दत्तगुरू साइ मा, उपरि याचनेला रूसो || 10 ||
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पुष्पांजलि लिरिक्स | Saibaba Pushpanjali Lyrics

ॐ यज्ञेन यज्ञमयजंत देवास्तानि धर्माणि प्रथमान्यासन्न |
ते ह नाकं महिमानः सचंत यत्र पूर्वे साध्या संति देवा: ||
ॐ राजाधिराजाय प्रसह्यसाहिने नमो वयं वैश्रवणाय कुर्महे |
स मे कामान्कामकामाय मह्यं कामेश्वरो वैश्रवणो दधातु ||

कुबेराय वैश्रवणाय | महाराजा नमः | ॐ स्वस्ति |
साम्राज्य्मं भौज्य्मं स्वाराज्यं वैराज्यं पारमेष्ठ्य ||
राज्य माहाराज्यमाधिपत्यमयं समंतपर्यायी |
स्यात्सार्वभौमः सार्वायूष आंतादापरार्धात् ||

पृथिव्यैसमुद्रपर्यताया एकराळीती |
तदप्येष श्लोकोsभिगीतो मरूतः परिवेष्टारो ||

मरूत्तस्यावसनगृहे आविक्षितस्य कामप्रेर्विश्वेदेवा: सभासद इति ||

श्री नारायण वासुदेवाय सचिदानंद सदगुरु साईनाथ महाराज की जय.

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प्रार्थना | Prarthna | Sai Nath Karcharan Kritam Lyrics

करचरणकृतं वाक्कायजं कर्मजं वा |
श्रवणनयनजं वा मानसं वाsपराधम् ||
विदितमविदितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व |
जय जय करुणाब्धे श्रीप्रभो साईनाथ ||

श्री सच्चिदानंद सदगुरु साईनाथ महाराज की जय.


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