एकली खड़ी रे मीरा बाई लिरिक्स | Ekali Khadi Re Meera Lyrics In Hindi
भजन – एकली खड़ी रे मीरा बाई लिरिक्स
एकली खड़ी रे मीरा बाई एकली खड़ी,
मोहन आवो तो सरी,
गिरधर आवो तो सरी,
माधव रा मंदिर में,
मीरा बाई एकली खड़ी ||
थे कहो तो सांवरा मैं,
मोर मुकुट बन जाऊँ,
पेरण लागो साँवरो रे,
मस्तक पर रम जाऊँ,
वाके मस्तक पर रम जाऊँ,
मोहन आवो तो सरी,
गिरधर आवो तो सरी,
माधव रा मंदिर में,
मीरा बाई एकली खड़ी ||
थे कहो तो सांवरा मैं,
काजलियो बन जाऊँ,
नैन लगावे साँवरो रे,
नैणा में रम जाऊँ,
वाके नैणा में रम जाऊँ,
मोहन आवो तो सरी,
गिरधर आवो तो सरी,
माधव रा मंदिर में,
मीरा बाई एकली खड़ी ||
थे कहो तो सांवरा मैं,
जल जमुना बन जाऊँ,
नाहवण लागो साँवरो रे,
अंग अंग रम जाऊँ,
वाके अंग अंग रम जाऊँ,
मोहन आवो तो सरी,
गिरधर आवो तो सरी,
माधव रा मंदिर में,
मीरा बाई एकली खड़ी ||
थे कहो तो सांवरा मैं,
पुष्प हार बन जाऊँ,
कंठ में पहरे साँवरो रे,
हिवड़ा में रम जाऊँ,
वाके हिवड़ा में रम जाऊँ,
मोहन आवो तो सरी,
गिरधर आवो तो सरी,
माधव रा मंदिर में,
मीरा बाई एकली खड़ी ||
थे कहो तो सांवरा मैं,
पग पायल बन जाऊँ,
नाचण लागो साँवरो रे,
चरणा में रम जाऊँ,
वाके चरणा में रम जाऊँ,
मोहन आवो तो सरी,
गिरधर आवो तो सरी,
माधव रा मंदिर में,
मीरा बाई एकली खड़ी ||
एकली खड़ी रे मीरा बाई एकली खड़ी,
मोहन आवो तो सरी,
गिरधर आवो तो सरी,
माधव रा मंदिर में,
मीरा बाई एकली खड़ी ||
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