Ganesh Laxmi Aarti Lyrics, श्री गणेश लक्ष्मी आरती लिरिक्स, को दीपावली व लक्ष्मी पूजन एवं धन-धान्य की समृद्धि तथा गणेश व लक्ष्मी जी के अनुष्ठानो में ज्यादातर गाई जाती है |
Ganesh Laxmi Aarti Lyrics, गणेश लक्ष्मी आरती लिरिक्स
यहाँ सर्व प्रथम गणेश जी की आरती एवं तत्पश्चात लक्ष्मी जी की आरती दी गयी है –
1. श्री गणेश जी की आरती लिरिक्स
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा |
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ||
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दन्त दयावन्त,
चार भुजा धारी |
मस्तक सिंदूर सोहे,
मूस की सवारी ||
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा |
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ||
पान चढ़े फूल चढ़े,
और चढ़े मेवा |
लडूअन का भोग लगे,
सन्त करें सेवा ||
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा |
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ||
अन्धन को आंख देत,
कोढ़िन को काया |
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ||
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा |
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ||
सूर श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा |
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ||
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा |
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ||
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
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2. लक्ष्मी जी की आरती लिरिक्स
Ganesh Laxmi Aarti Lyrics, गणेश लक्ष्मी आरती लिरिक्स
यहाँ Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics, लक्ष्मी जी की आरती लिरिक्स – ओम जय लक्ष्मी माता दिया गया है-
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ||