यहाँ गंगा की हर मौज में मैंने शिव की मूरत देखी है लिरिक्स, Ganga Ki Har Mauj Mein Maine Lyrics With Sargam Notes और इसका हिंदी में नोटेशन भी दिया जा रहा है |
Ganga Ki Har Mauj Mein Maine Lyrics | गंगा की हर मौज में मैंने शिव की मूरत देखी है लिरिक्स
Ganga Ki Har Mauj Mein Maine Lyrics, गंगा की हर मौज में मैंने शिव की मूरत देखी है लिरिक्स
यहाँ Ganga Ki Har Mauj Mein Maine Lyrics (गंगा की हर मौज में मैंने शिव की मूरत देखी है लिरिक्स) दिया गया है –
गंगा की हर मौज में मैंने,
शिव की मूरत देखी है |
रोम – रोम ये हुआ है पुलकित,
ऐसी सूरत देखी है ||
शिव की मूरत देखी है,
शिव की मूरत देखी है ||
गंगा की हर मौज में मैंने,
शिव की मूरत देखी है |
रोम – रोम ये हुआ है पुलकित,
ऐसी सूरत देखी है ||
शिव की मूरत देखी है,
शिव की मूरत देखी है ||
कभी दिखेवे चढ़े बैल पर,
कभी समाधी रूप दिखे |
कभी वो गिरजा संग विराजे,
कभी नाग संग खेल रहे ||
उनके चरण सरोज से लिपटी,
सारी कुदरत देखी है |
रोम – रोम ये हुआ है पुलकित,
ऐसी सूरत देखी है ||
शिव की मूरत देखी है,
शिव की मूरत देखी है ||
ज्योतिर्लिंग के रूप में उनके,
हुए हैं पावन दर्शन भी |
लंकापति लंकेश को देखा,
करते उनका चिंतन भी ||
तीन लोक के उसके खजाने,
उसकी दौलत देखी है |
रोम – रोम ये हुआ है पुलकित,
ऐसी सूरत देखी है ||
शिव की मूरत देखी है,
शिव की मूरत देखी है ||
गंगा की हर मौज में मैंने,
शिव की मूरत देखी है |
रोम – रोम ये हुआ है पुलकित,
ऐसी सूरत देखी है ||
शिव की मूरत देखी है,
शिव की मूरत देखी है ||
ओम नमः शिवाय
ओम नमः शिवाय
ओम नमः शिवाय
ओम नमः शिवाय
ओम नमः शिवाय
ओम नमः शिवाय
ओम नमः शिवाय
गंगा की हर मौज में मैंने सरगम नोट्स | Ganga Ki Har Mauj Mein Maine Sargam Notes
गंगा की हर मौज में मैंने शिव की मूरत देखी है लिरिक्स, Ganga Ki Har Mauj Mein Maine Lyrics
इस गंगा की हर मौज में मैंने शिव की मूरत देखी है लिरिक्स सरगम नोट्स, Ganga Ki Har Mauj Mein Maine Sargam Notes में लगने वाले स्वर:-
- मध्य सप्तक में सा, रे, दोनों ग, म, प, ध, कोमल नि और फिर तार सप्तक में सां और रें प्रयोग किया गया है |
- इस भजन में ग और नि पूर्णतः कोमल हैं जिसमें शुद्ध ग का यदा – कदा ही प्रयोग किया गया है इसलिए शुद्ध ग को पहचानने के लिए इस ( / ) चिन्ह का प्रयोग किया गया है |
- इस भजन में ग और नि कोमल होने के कारण यह भजन थाट काफी पर आधारित है |
- अगर आपको राग काफी का संपूर्ण परिचय, स्वर विस्तार, आलाप – तान, बंदिश नोटेशन पाने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें :-
Raag Kafi Parichay and Bandish Notation
यहाँ गंगा की हर मौज में मैंने शिव की मूरत देखी है लिरिक्स सरगम नोट्स, Ganga Ki Har Mauj Mein Maine Sargam Notes दिया गया है –
गंगा की हर मौज में मैंने
रेंरें रें रें सांसां सां निध
शिव की मूरत देsखी है
धसां सां निध पमम प
रोम रोम ये हुआ है पुलकित
पनि निनि नि धध नि धधपप
ऐसी सूरत देखी है
धध पपप मग/ ग/
शिव की मूरत देखी है
सा सा रेगग रेरे रे
शिव की मूरत देखी है
सा सा रेपप गग रे
गंsगाs कीs हरs मौsज में मैंsनेss
रेमपध पध पमरे रेमप ध पधपमरे
शिव कीs मूsरsत देखी है
रेम पध पधपमरे रेग ग
रोम रोम ये हुआ है पुलकित
पनि निनि नि धध नि धधपप
ऐसी सूरत देखी है
धध पपप मग/ ग/
शिव की मूरत देखी है
सा सा रेगग रेरे रे
शिव की मूरत देखी है
सा सा रेपप गग रे
कभी दिखेवे चढ़े बैल पर
सांसां सांसांरें सांसां निध प
कभी समाधी रूप दिखे
मम पधनि धध धध
कभी वो गिरजा संग विराजे
सांसां सां सांरें सांसां निधप
कभी नाग संग खेल रहे
मम पध निध धध ध
उनकेs चरणss सरोज से लिपटीss
रेमपध पधपमरे रेमप ध पधपमरे
साsरीs कुदरतss देखी है
रेमपध पधपमरे रेग ग
रोम रोम ये हुआ है पुलकित
पनि निनि नि धध नि धधपप
ऐसी सूरत देखी है
धध पपप मग/ ग/
शिव की मूरत देखी है
सा सा रेगग रेरे रे
शिव की मूरत देखी है
सा सा रेपप गग रे
ज्योतिर्लिंग केs रूप में उनके
सांसांसां सांरें सांसां नि धप
हुए हैं पावन दर्शन भी
मम प धनि धधध ध
लंकापति लंsकेश को देखा
सांसांसां सांरेंसांसां नि धप
करते उनका चिंतन भी
मम पधनि धधध ध
तीsन लोsक केss उसके खजाsनेs
रेमप धपध पमरे रेमप धपधपमरे
उसकीs दौsलतs देखी है
रेमपध पधपमरे रेग ग
रोम रोम ये हुआ है पुलकित
पनि निनि नि धध नि धधपप
ऐसी सूरत देखी है
धध पपप मग/ ग/
शिव की मूरत देखी है
सा सा रेगग रेरे रे
शिव की मूरत देखी है
सा सा रेपप गग रे
गंगा की हर मौज में मैंने
रेंरें रें रें सांसां सां निध
शिव की मूरत देsखी है
धसां सां निध पमम प
रोम रोम ये हुआ है पुलकित
पनि निनि नि धध नि धधपप
ऐसी सूरत देखी है
धध पपप मग/ ग/
शिव की मूरत देखी है
सा सा रेगग रेरे रे
शिव की मूरत देखी है
सा सा रेपप गग रे