शुभ कातिक सिर विचारी – होली बारहमासा चौताल, Holi Barahmasa Chautal Lyrics

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इस Article में आपको शुभ कातिक सिर विचारी – होली बारहमासा चौताल, Holi Barahmasa Chautal Lyrics का हिंदी एवं English Lyrics भी दिया जा रहा है |

शुभ कातिक सिर विचारी – होली बारहमासा चौताल | Holi Barahmasa Chautal in Hindi

शुभ कातिक सिर विचारी, तजो वनवारी ||

जेठ मास तन तप्त अंग भावे नहीं सारी || तजो वनवारी ||

बाढ़े विरह अषाढ़ देत अद्रा झंकारी || तजो वनवारी ||

सावन सेज भयावन लागतऽ,

पिरतम बिनु बुन्द कटारी || तजो वनवारी ||

भादो गगन गंभीर पीर अति हृदय मंझारी,

करि के क्वार करार सौत संग फंसे मुरारी || तजो वनवारी ||

कातिव रास रचे मनमोहन,

द्विज पाव में पायल भारी || तजो वनवारी ||

अगहन अपित अनेक विकल वृषभानु दुलारी,

पूस लगे तन जाड़ देत कुबजा को गारी || तजो वनवारी ||

आवत माघ बसंत जनावत,

झूमर चौतार झमारी || तजो वनवारी ||

फागुन उड़त गुलाब अर्गला कुमकुम जारी,

नहिं भावत बिनु कंत चैत विरहा जल जारी,

दिन छुटकन वैसाख जनावत,

ऐसे काम न करहु विहारी || तजो वनवारी ||


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