मोहन से दिल क्यूँ लगाया है लिरिक्स, Mohan Se Dil Kyon Lyrics
मोहन से दिल क्यूँ लगाया है,
ये मैं जानू या वो जाने |
छलिया से दिल क्यूँ लगाया है,
ये मैं जानू या वो जाने ||
मोहन से दिल क्यूँ लगाया है,
ये मैं जानू या वो जाने |
छलिया से दिल क्यूँ लगाया है,
ये मैं जानू या वो जाने |
हर बात निराली है उसकी,
हर बात में है इकटेढ़ापन |
टेढ़े पर दिल क्यूँ आया है,
ये मैं जानू या वो जाने ||
मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,
ये मैं जानू या वो जाने ||
जितना दिल ने तुझे याद किया,
उतना जग ने बदनाम किया |
बदनामी का फल क्या पाया है,
ये मैं जानू या वो जाने ||
मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,
ये मैं जानू या वो जाने ||
तेरे प्यार ने दिल ये दीवाना किया,
मुझे इस जग से बैगाना किया |
मैंने क्या खोया क्या पाया है,
ये मैं जानू या वो जाने ||
मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,
ये मैं जानू या वो जाने ||
मिलता भी है वो मिलता भी नहीं,
नजरो से मेरी हटता भी नहीं |
यह कैसा जादू चलाया है,
ये मैं जानू या वो जाने ||
मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,
ये मैं जानू या वो जाने ||
मोहन से दिल क्यूँ लगाया है,
ये मैं जानू या वो जाने |
छलिया से दिल क्यूँ लगाया है,
ये मैं जानू या वो जाने ||
मोहन से दिल क्यूँ लगाया है,
ये मैं जानू या वो जाने |
छलिया से दिल क्यूँ लगाया है,
ये मैं जानू या वो जाने |