पपीहा बन बैन सुनावे निंद नहीं आवे | Papiha Ban Bain Holi Chautal in Hindi
पपीहा बन बैन सुनावे निंद नहीं आवे ||
आधीरात भई जब सखिया कामबिरह सन्तावे ||
पियबिन चैन मनहि नहिं आवत, सखि जोबन जोर जनावे ||१ ||
फागुन मस्त महीना सजनी पियबिन मोहिं न भावे ||
पवन झकोरत लुह जनु लागत, गोरी बैठी तहां पछितावे ||२ ||
सब सखि मिलकर फाग रचतहैं ||ढोल मृदंग बजावे ||
हाथ अबीर कनक पिचकारी हो, सखि देखत मन दुख पावे ||३ ||
हे बिधना मैं काहबिगाड़ो जनम अकारथ जावे ||
लालबिहारी कहत समुझाइ हो, गोरी धीरजमें सुख पावे ||४ ||