सखि आये बसंत बहार पिया नहिं आये, Sakhi Aaye Basant Holi Chautal

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इस Article में आपको सखि आये बसंत बहार पिया नहिं आये, Sakhi Aaye Basant Holi Chautal Lyrics का हिंदी एवं English Lyrics भी दिया जा रहा है |

सखि आये बसंत बहार पिया नहिं आये | Sakhi Aaye Basant Holi Chautal in Hindi

सखि आये बसंत बहार पिया नहिं आये ||

फागुन मस्त महीना सखिया मोर जिया ललचाये ||

सब नर नारी जो पागुन गावत,

सखि मोकहं सूम बढ़ाये ||१ ||

ताल मृदंग झांझ डफ बाजे सबको मन हरषाये ||

मैं बिरहिनि सेजियापर बिलखति,

मोहिं अजु मदन तनु छाये ||२ ||

भरभरके पिचकारी मारत नात गोत बिलगाये ||

सखि सब घर घर धूम मचावत,

तहां रंग अबिरन छाये ||३ ||

गोरी देत सभीको सबही ना कोइ काहु लजाये ||

लालबिहारी विरहबस बनिताहो, सोतो बैठे मनहि सुझाये ||४ ||


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